ITI CHNM Theory Transistor Question Answer In Hindi

ITI CHNM Theory Transistor Question Answer In Hindi

ट्रांजिस्टर एक सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो दो कार्य करता है: इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलों को बढ़ाना (एम्प्लीफाई करना) और धारा के प्रवाह को नियंत्रित करना। यह सिलिकॉन (Si) या जर्मेनियम (Ge) के क्रिस्टल से बना है, जिसमें N-प्रकार के पदार्थ की एक परत P-प्रकार के पदार्थ की दो परतों के मध्य सैण्डविच की तरह व्यवस्थित है।

WORKING OF TRANSISTOR

ट्रांजिस्टर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। अतः ट्रांजिस्टर की कार्यप्रणाली भी दो प्रकार की होती है –
1. NPN ट्रांजिस्टर की कार्यप्रणाली (Working of NPN Transistor)
2 PNP ट्रांजिस्टर की कार्यप्रणाली (Working of PNP Transistor)

ITI CHNM Theory Transistor Question Answer In Hindi

ओप-एम्प एक है।
(a) डिफरेंशियल एम्पलीफायर
(b) पावर एम्पलीफायर
(c) नॉयज एम्पलीफायर
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं

Answer

डिफरेंशियल एम्पलीफायर

ट्रांजिस्टर किस प्रकार का उपकरण है?
(a) सुचालक
(b) अर्ध चालक
(c) कुचालक
(d) सुपर चालक

Answer

अर्ध चालक

एम्पलीफायर में ऋणात्मक फिडबैक-
(a) वोल्टेज गेन को कम करता है।
(b) इनपुट इम्पीडेंस को घटाता है।
(c) गेन बैंड विड्थ गुणनफल को बढ़ाता है।
(d) इनपुट इम्पीडेंस को घटाता है।

Answer

वोल्टेज गेन को कम करता है।

एक ओप-एम्प का सामान्य मोड गैन 0.01 है और डिफरेंशियल मोड 10 है तो इसका CMRR होगा-
INCVT
(a) 10-7
(b) 10-3
(c) 10-3
(d) 107

Answer

10-7

निम्न में से कौन पावर एम्पलीफायर को परिभाषित करता है?
(a) यह अधिक पावर (विद्युत) को सम्भाल सकता है।
(b) यह अधिक धारा (करंट) को सम्भाल सकता है।
(c) यह बहुत अधिक वोल्टेज गेन प्रदान नहीं कर राकता है।
(d) उपरोक्त सभी

Answer

उपरोक्त सभी

एक LC ओसीलेटर में ओसीलेटर की आवृत्ति L या C के ……
INCVT Aug. 20151
(a) वर्ग के समानुपाती
(b) सीधे क्रमानुपाती
(c) मानकों से स्वतंत्र
(d) वर्गमूल के अनुक्रमानुपाती

Answer

वर्गमूल के अनुक्रमानुपाती

TVRO में …… फ्रीक्वेंसी बैंड का उपयोग होता है।
(a) K
(b) C
(c) Ku
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं

Answer

उपरोक्त में से कोई नहीं

रेडियों तरंगों के लिए 5 बैंड को IEEE मानक द्वारा परिभाषित किया जाता है जिसकी आवृत्ति की सीमा है-
(a) 2 से 4GHz
(b) 4 से 6 GHz
(c) 6 से 8GHz
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं

Answer

2 से 4GHz

जब डिजिटल सर्किट में ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता है,वे सामान्य रूप से …… में ऑपरेट करते हैं।
(a) एक्टिव रीजन
(b) ब्रेकडाउन रीजन
(c) सैचुरेशन एवं कटऑफ रीजन
(d) लाइनर रीजन

Answer

सैचुरेशन एवं कटऑफ रीजन

सामान्य स्थितियों में डायोड धारा का चालन तब करता है, जब यह –
(a) रिवर्स – बायस्ड होता है।
(b) फॉरवर्ड – बायस्ड होता है।
(c) एवेलैंच्ड होता है।
(d) सैचुरेटेड होता है।

Answer

फॉरवर्ड – बायस्ड होता है।

द्विधुवीय ट्रांजिस्टर की तुलना में, फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर्स को सामान्य रूप से निम्न में है किसके रूप में नहीं जाना जाता है?
(a) हाई इनपुट इम्पीडेंस
(b) रिवर्स-बायस्ड पीएन (PN) जंक्शन
(c) लो इनपुट इम्पीडेंस
(d) लो पॉवर कंजम्प्शन

Answer

लो इनपुट इम्पीडेंस

बीजेटी (BJT) की तुलना में एफईटी (FET) निम्न में से किसके कारण लाभकारी है?
(a) हाई इनपुट इम्पीडेंस
(b) हाई गेन-बैंडविड्थ प्रोडक्ट
(c) इसका धारा नियंत्रित करने की प्रवृत्ति
(d) उच्च ध्वनि प्रतिरक्षण

Answer

हाई इनपुट इम्पीडेंस

डिप्लिशन टाइप (Depletion-type) N-MOSEFT के संचालन के लिए, गेट वोल्टेज निम्न होना चाहिए-
(a) निम्न धनात्मक
(b) उच्च धनात्मक
(c) उच्च ऋणात्मक
(d) शून्य

Answer

उच्च ऋणात्मक

बीजेटी (BJT) में यदि अमीटर जंक्शन रिवर्स – बायस्उ है तथा कलेक्टर जंक्शन रिवर्स बायस्ड हैं, तो इसका संचालन कहा जाता है।
(a) सक्रिय क्षेत्र में
(b) संतृप्ति क्षेत्र में
(c) कट-ऑफ रीजन में
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं

Answer

कट-ऑफ रीजन में

साधारण बेस PNP जंक्शन ट्रांजिस्टर ……. के बीच पक्षपाती व्यवस्था के विपरित होता है।
(a) उत्सर्जक और बेस
(b) उत्सर्जक और संग्राहक
(c) संग्राहक और बेस
(d) बेस और उत्सर्जक
Avs. संग्राहक और बेस

रेडियो तरंगों के लिए 5 बैंड को IEEE मानक द्वारा परिभाषित किया जाता है जिसकी आवृत्ति की सीमा है –
(a) 2 से 4GHz
(b) 4 से 6GHz
(c) 6 से 8GHz
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं

Answer

2 से 4GHz

ओप-एम्प इंटीग्रेटर में प्रयोग होता है।
(a) कैपेसिटर फीडबैक एलीमेंट के रूप में
(b) रेजिस्टर फीडबैक एलीमेंट के रूप में
(c) इंडक्टर फीडबैक एलीमेंट के रूप में
(d) एक साधारण तार फीडबैक एलीमेंट के रूप में

Answer

कैपेसिटर फीडबैक एलीमेंट के रूप में

LC ओसिलेटर का उपयोग ….. आवृत्ति उत्पन्न करने के लिएप्रयोग नहीं किया जा सकता है।
(a) अधिक
(b) ऑडियो
(c) अत्यंत कम
(d) अत्यंत अधिक

Answer

अत्यंत कम

0P – Amp (ओप-एम्प) का उपयोग उच्च तथा निम्न पास फिल्टसर्किट में होता है तो कौनसी बनावट प्रयोग में आती है?
(a) नॉन-इंवटिंग
(b) कम्पैरेटर
(c) ओपन लूप
(d) इंवर्टिंग

Answer

इंवर्टिंग

वर्ग B एम्पलीफायर की अधिकतम क्षमता है
(a) 50%
(b) 78.5%
(c) 80%
(d) 25%

Answer

78.5%

एक ओसिलेटर को सुचारू रूप से शुरू करने लिए फीडबैक लूप में आरंभ में गेन होना चाहिए.
(a) 1
(b) 1 से कम
(c) 1 से थोड़ा अधिक
(d) के समान

Answer

1 से थोड़ा अधिक

किसी सर्किट में नकारात्मक फीडबैक के कारण निम्न में से कौनसे सुधार होते हैं?
(a) कम आउटपुट इम्पीडेंस
(b) कोलाहल में कमी
(c) अधिक रेखीय प्रचालन
(d) उपरोक्त सभी

Answer

उपरोक्त सभी

कौनसा ट्रांजिस्टर करंट कैरियर को संग्रहित करता है?
(a) अमिटर
(b) बेस
(c) कलेक्टर
(d) अर्थ

Answer

कलेक्टर

ट्रांजिस्टर में IC/IB अनुपात को कहते हैं –
(a) वोल्टेज गेन
(b) पावर गेन
(c) धारा गेन
(d) कुल गेन

Answer

धारा गेन

ट्रांजिस्टर के कलेक्टर बेस और अमीटर करंट के गध्य संबंध कोदिखाया जाता है
(a) IE=IB+IC
(b) IE=IC-IB
(c) IE=IC-IE
(d) IC=IB-IE

Answer

IE=IB+IC

कॉमन कलेक्टर एम्पलीफायर का दूसरा नाम है
(a) बेस फॉलोअर
(b) कलेक्टर फॉलोअर
(c) अमीटर फॉलोअर
(d) इम्पीडेन्स फॉलोअर

Answer

अमीटर फॉलोअर

एकल जंक्शन ट्रांजिस्टर में होता है
(a) एनोड़, कैथोड़ और गेट
(b) दो बेस और एक अमी
(c) दो एनोड और एक गेट
(d) एनोड़, कैथोड़ और दो गेट

Answer

दो बेस और एक अमी

निम्न में कौन निष्क्रिय कंपोनेन्ट नहीं है ?
(a) प्रतिरोधक
(b) इन्डक्टर
(c) कैपेसिटर
(d) ट्रांजिस्टर

Answer

ट्रांजिस्टर

ट्रांजिस्टर एक …….. है।
(a) धारा नियंत्रित धारा डिवाइस
(b) धारा नियंत्रित वोल्टेज डिवाइस
(c) वोल्टेज नियंत्रित धारा डिवाइस
(d) वोल्टेज नियंत्रित वोल्टेज डिवाइस

Answer

धारा नियंत्रित धारा डिवाइस

अमीटर फॉलोअर परिपथ को ……. भी कहा जाता है।
(a) पावर एम्पलीफायर
(b) कॉमन बेस एम्पलीफायर
(c) कॉमन अमीटर एम्प्लीफायर
(d) कॉमन कलेक्टर एम्पलीफायर

Answer

कॉमन कलेक्टर एम्पलीफायर

निम्न में से विस एम्पलीफायर में न्यूनतम डिस्टॉर्शन का लाभ होता है?
(a) Class A
(b) Class B
(c) Class C
(d) Class AB

Answer

Class A

सामान्य कलेक्टर एम्पलीफायर …… नाम से भी जाना जाता है।
(a) कलेक्टर फॉलोअर
(b) वेस फॉलोअर
(c) अमीटर फॉलोअर
(d) सो फॉलोअर

Answer

अमीटर फॉलोअर

बीच के पतले P-क्षेत्र में गतिशील (धनात्मक) कोटर हैं, जबकि दोनों N-क्षेत्रों में गतिशील इलेक्ट्रॉन हैं। बैट्री VEB ने बायीं ओर की उत्सर्जक-आधार (N-P) संधि को थोड़ा-सा अग्र-बायस विभव दिया है, जबकि बैट्री VCB ने दायीं ओर की आधार-संग्राहक (P-N) संधि को थोड़ा अधिक उत्क्रम-बायस विभव दिया है।

पूर्व-बायसित होने से उत्सर्जक (N-क्षेत्र) से (ऋणात्मक) इलेक्ट्रॉन आधार की ओर चलते हैं, जबकि आधार (P-क्षेत्र) से (धनात्मक) कोटर उत्सर्जक की ओर चलते हैं। ज्यादातर इलेक्ट्रॉन आधार को पार करके संग्राहक तक पहुंचते हैं, जैसे कि बैट्री VEB के ऋण सिरे से इलेक्ट्रॉन निकलकर टर्मिनल उत्सर्जक E द्वारा उत्सर्जक में प्रवेश करते हैं। ठीक इसी समय आधार से एक सहसंयोजक बंध टूटता है, जिससे VEB के धन सिरे में उत्पन्न इलेक्ट्रॉन बैट्री प्रवेश करती है; इसके अलावा, कोटर संयोग से लुप्त हुए कोटर को भर देता है। आधार इस तरह उत्सर्जक परिपथ में बहती है।

टर्मिनल C पर जो इलेक्ट्रॉन संग्राहक में प्रवेश करते हैं, जो उत्क्रम अभिनत है और इलेक्ट्रॉनों को चलाने में मदद करता है, पहुंचते हैं। VCB बैट्री के धन सिरे में एक इलेक्ट्रॉन C छोड़कर प्रवेश करता है, और VEB बैट्री के ऋण सिरे से एक इलेक्ट्रॉन निकलकर उत्सर्जक में प्रवेश करता है। संग्राहक उत्सर्जक परिपथ में धारा इस तरह बहती है।

क्षीण धारा, आधार-धारा IB है, जो आधार के टर्मिनल B में प्रवेश करती है, और बड़ी धारा, जो संग्राहक टर्मिनल C में प्रवेश करती है, संग्राहक-धारा IC है। ये दोनों धाराएं मिलकर उत्सर्जक धारा IE से निकलती हैं, जो टर्मिनल E है। वास्तव में,IE = lB + IC

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